November 24, 2023


Big News : राज्यपाल बिना कार्रवाई के अनिश्चितकाल के लिए विधेयकों को पेडिंग नहीं रख सकते : सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली। Big News : राज्यपाल अनिश्चितकाल तक विधेयकों को अपने पास लंबित नहीं रख सकते। सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि राज्यपाल के पास संवैधानिक ताकत होती है लेकिन वह इस ताकत का इस्तेमाल राज्य सरकार के कानून बनाने के अधिकार को कुंद बनाने के लिए नहीं कर सकते।


मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि राज्यपाल द्वारा विधेयकों को लंबित रखना संसदीय व्यवस्था में संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के उलट है।


पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला


बता दें कि पंजाब सरकार ने राज्यपाल पर विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वहीं राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का कहना था कि जून महीने में बुलाया गया सत्र असंवैधानिक है, इसलिए उस सत्र में किया गया काम भी असंवैधानिक है।


 वहीं सरकार का तर्क है कि बजट सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ है, इसलिए सरकार जब चाहे फिर से सत्र बुला सकती है। पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीती 10 नवंबर को दिए अपने फैसले में कहा कि ‘बेशक राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत किसी विधेयक को रोक सकते हैं लेकिन इसका सही तरीका ये है कि वह विधेयक को फिर से पुनर्विचार के लिए विधानसभा को भेजें।’


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संघवाद और लोकतंत्र बुनियादी ढांचे का हिस्सा हैं और दोनों को अलग नहीं किया जा सकता। अगर एक तत्व कमजोर होगा तो दूसरा भी खतरे में आएगा। नागरिकों की आकांक्षाओं और मौलिक आजादी को हकीकत बनाने के लिए इन दोनों का समन्वय के साथ काम करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को निर्देश दिया कि वह विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर जल्द फैसला लें। साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार के जून के विधानसभा सत्र को संवैधानिक करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट का गुरुवार को दिया गया यह आदेश गुरुवार को कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हुआ।




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