रायपुर। CG Crime : प्रदेश में वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विशेष पहल की जा रही है। वनमंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बाल प्रमुख श्रीनिवास राव द्वारा वन अधिकारियों को आदेशित किया गया है कि संरक्षित वन्य प्राणी के तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर आर सी दुग्गा के मार्गदर्शन में बस्तर वन मंडल के वन मंडल अधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देशन में मुखबिर से प्राप्त सूचना उपरांत उप वनमण्डलाधिकारी बस्तर, परिक्षेत्र अधिकारी करपावण्ड सौरभ रजक एवं अन्य वन अधिकारियों की एक टीम गठित कर करपावण्ड कोलावल मार्ग पर घेराबंदी कर 02 नग मोटर सायकल में एक जूट की थैले में 01 नग संकटपन्न जीवित वन्य जीव पेंगोलिन (छत्तीसगढ़ी में साल खपरी कहा जाता है) के साथ चार आरोपियों को पकड़ा गया। यह चारों व्यक्ति वन्य जीव को बेचने के फिराख में उड़ीसा से छत्तीसगढ़ आकर ग्राहक तलाश कर रहे थे।
वन विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त वन्य प्राणी को सुरक्षित अपने कब्जे में लेकर चारों आरोपियों को उनके 02 नग मोटर सायकल हीरो एचएफ ड्यूलक्स ओ डी 10 टी 3001, होंडा शाईन एसपी एपी 31 ईएम 7882 के साथ करपावण्ड वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 तथा वन्यप्राणि संरक्षण अधिनियम 1972 के विभिन्न धाराओ के तहत् वन अपराध दर्ज कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
संकटपन्न वन्यप्राणियों के बचाव एवं सुरक्षा हेतु जगदलपुर वन वृत्त स्तरीय रेपिड रेस्क्यू टीम (आरआरटी) का गठन किया गया है। जो वन्यप्राणियों क बचाव हेतु लगातार सूचना तंत्र स्थापित कर वन्यप्राणियों के तस्कर पर लगाम लगाने का प्रयास कर रहे है। वन्य प्राणी पेंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत् सेड्यूल्ड 1 में दर्ज है। जिसको मारना एवं खरीद फरोक्त करना दंडनीय अपराध है।