October 19, 2022


Congress President Election: आज कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष, खड़गे की दावेदारी मजबूत


नई दिल्ली: Congress President Election : कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव के बाद आज मतगणना होने वाली है और इसके साथ आज कांग्रेस पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। 22 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिलने वाला है। सुबह 10 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। काउंटिंग के लिए सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।


आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर रविवार को वोट डाले गए थे। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) के बीच चुनावी मुकाबला हुआ है।हालांकि इस मुकाबले में गांधी परिवार से करीबी और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के चलते खड़गे की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।


आपको बता दें कि 137 साल पुरानी पार्टी के अध्यक्ष पद पर गत दो दशक में यह पहला मौका है जब पार्टी की कमान गैर गांधी के पास होगी। पिछले 50 सालों का इतिहास देखें तो मात्र दो बार ही कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हुआ है। पहले 1997 में और फिर 2000 में। 1997 के चुनाव में तीन उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट थे। सीताराम केसरी 6224 वोट पाकर कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। इसके बाद साल 2000 में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच हुआ था जिसमें सोनिया गांधी को 7,448 और जितेंद्र प्रसाद को 94 वोट मिले थे।


गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए किस्मत अजमा रहे शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों ने अपना-अपना मेनिफेस्टो जारी करते हुए कई बड़े ऐलान किए थे।


Mallikarjun Kharge का मेनिफेस्टो


  • चुनाव जीते तो पार्टी के 50 फीसदी पदों पर 50 साल से कम उम्र के नेताओं की नियुक्ति होगी।
  • उदयपुर डिक्लेरेशन को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
  • महिलाओं, एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
  • सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी नेता एक पद पर पांच साल से ज्यादा समय तक ना रहें।
  • 2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ने के लिए पार्टी को तैयार करेंगे।


Shashi Tharoor का मेनिफेस्टो


  • युवाओं-महिलाओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त किया जाएगा।
  • प्रदेश, जिला और ब्लॉक संगठन के फैसले दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के बजाय स्थानीय स्तर पर करने का फॉर्मूला रखेंगे।
  • मेहनती कार्यकर्ताओं को ज्यादा दायित्व और सम्मान दिया जाएगा।
  • 50 से कम उम्र के लोगों को संगठन में अहम पद, चुनाव में टिकट और एक सीट पर 2 चुनाव हारने वाले को टिकट दोबारा नहीं मिलेगा।
  • अध्यक्ष बने तो कार्यकर्ताओं से सीधे रिश्ते बनाए रखने पर जोर होगा।



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