Big Breaking : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के उस आदेश को शुक्रवार को खारिज कर दिया जिसमें बिलों के भुगतान में देरी पर क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर को 30% प्रति वर्ष तक सीमित कर दिया गया था। 2008 में एनसीडीआरसी ने कहा था कि क्रेडिट कार्ड धारकों से 30% प्रति वर्ष से अधिक ब्याज वसूलना अनुचित है।
सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट पर उच्च ब्याज दर लगाने की अनुमति दे दी है। शुक्रवार, 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बैंकों को राहत देते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें बिलों के भुगतान में देरी पर क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर को 30% प्रति वर्ष तक सीमित कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उपभोक्ताओं को संरक्षण देने वाली लंबे समय से चली आ रही सीमा समाप्त हो गई है। शीर्ष अदालत के इस फैसले ने 16 साल पुराने मामले को खत्म कर दिया है।